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खरीफ फसलों में इन वैरायटी के इस्तेमाल से बढ़ेगी आमदनी: वैज्ञानिकों ने फसलों को लेकर जारी की एडवाइजरी

गांव जंक्शन डेस्क, लखनऊ Published by: Shailesh Arora Updated Fri, 05 Jul 2024 08:51 AM IST
सार

उत्तर प्रदेश में मॉनसून आने के साथ ही खरीफ फसलों खासकर धान की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय है। हालांकि, इस समय विभिन्न फसलों की बुवाई या नए बाग लगाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने किसानों व पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

धान की बुवाई करते हुए किसान
धान की बुवाई करते हुए किसान - फोटो : गांव जंक्शन

विस्तार
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वैज्ञानिकों के अनुसार किसान युद्ध स्तर पर धान की रोपाई का काम पूरा करें। धान की कम अवधि की किस्मों की बुवाई का भी सुझाव दिया गया है। बुवाई के लिए शोधित बीज का ही इस्तेमाल करें। रोपाई वाले खेत में एक फीट ऊंची मेढ़ बनाएं जिससे बरसात का जल वहां रुके। 

यह उपाय करके फसल को रोग से बचाएं
धान की रोपाई के बाद जो पौधे मर गए हैं उनकी जगह तीन से पांच दिन के अंदर दूसरे पौधे तुरंत लगा दें। धान की पौध की जड़ों को पांच ग्राम ट्राइकोडर्मा हारजियेनम दो फीसदी प्रति लीटर पानी में घोलकर उपचारित करके रोपाई करने से रोग का खतरा कम होगा। धान के पौध की चोटी ऊपर से एक इंच काटकर रोपाई करने से कीट एवं रोग का खतरा कम हो जाता है। 

श्री अन्न की इन प्रजातियों को लगाएं
श्री अन्न सावां की संस्तुत प्रजातियों जैसे आईपी 149, यूपीटी 8, आईपीएम 97, आईपीएम 100, आईपीएम 148 व आईपीएम 151 की बुवाई करें। कोदो की संस्तुत प्रजातियों जेके 6, जेके 62, जेके 2, एपीके 1, जीपीवीके 3 की बुवाई करें। ज्वार की संस्तुत संकुल प्रजातियों जैसे वर्षा, सीएसवी 13, सीएसवी 15, एसपीबी 1388 (बुंदेला), विजेता तथा संकर प्रजातियों सीएसएच 16, सीएसएच 9, सीएसएच 14, सीएसएच 18, सीएसएच 13 व सीएसएच 23 की बुवाई करें।

उर्द, मूंग व तिल की अच्छी प्रजातियां
उर्द की किस्मों आजार उर्द 1, आजाद उर्द 2 (हरा दाना), शेखर 1, शेखर 2, आईपीयू 94-1 (उत्तरा) टा 27, टा 65, आईपीयू 11-2, आईपीयू 13-1, पंत उर्द 9, पंत उर्द 8, पंत उर्द 12 की बुवाई करें। मूंग की किस्मों में नरेंद्र मूंग 1, सम्राट, मालवीय जन चेतना, टीएम 9937, मालवीय जन कल्याणी, एमएच 215, आईपीएम 2-3, श्वेता, स्वाति, विराट, आईपीएम 2-14, आजाद मूंग 1, पूसा 14-31, मेहा 99-125, वर्षा व कनिका की बुवाई करें। तिल की उन्नत किस्मों जैसे गुजरात तिल-6, आरटी 346, आरटी 351, तरुण, प्रगति, शेखर, टा 78, टा 13, टा 12 और टा 4 की बुवाई करें। 

इन बातों का भी रखें ध्यान:
गन्ने को गिरने से बचाने और अवांछित कल्लों को निकलने से रोकने के लिए गन्ने की जड़ों पर यदि अभी तक मिट्टी नहीं चढ़ाई तो मौसम ठीक होने पर चढ़ा दें।

लोबिया, करेला, लौकी, तोरिया, पेठा, भिंडी, टमाटर, चौलाई और मूली आदि सब्जियों की बुवाई कर सकते हैं।

आम, अमरूद, लीची, आंवला, कटहल, नींबू, जामुन, बेर, केला, पपीते के पौधों का नया बाग लगाने का यह सही समय है।

अरहर एवं मक्का का अधिक उत्पादन लेने के लिए रिज और मेड़ बनाकर उसके ऊपर बुवाई करें।

सभी पशु चिकित्सालयों पर पशुओं की गला घोंटू बीमारी के लिए 15 जुलाई तक निशुल्क टीकाकरण चल रहा है।

खुरपका एवं मुहपका बिमारी के लिए 15 जुलाई से 30 अगस्त तक और लंपी वायरस से बचाने के लिए 15 सितंबर से टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।