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Women SHG: महिला समूहों को ड्रोन देकर कैसे आधुनिक और आत्मनिर्भर बना रही केंद्र सरकार?

गांव जंक्शन डेस्क, नई दिल्ली Published by: Umashankar Mishra Updated Fri, 05 Jul 2024 03:51 PM IST
सार

महिला स्वयं सहायता समूहों को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस पहल का उद्देश्य स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला सदस्यों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। तीन साल की अवधि में 15,000 चयनित महिला समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए 1261 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

महिलाओं के हाथ में ड्रोन की कमान, गांव की महिलाएं छू रहीं आसमान।
महिलाओं के हाथ में ड्रोन की कमान, गांव की महिलाएं छू रहीं आसमान। - फोटो : गांव जंक्शन

विस्तार
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पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप आत्मनिर्भर से बनाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ड्रोन दीदी और लखपति दीदी जैसी योजनाओं के जरिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

15,000 चयनित महिला समूहों को ड्रोन
भारत सरकार ने हाल ही में महिला स्वयं सहायता समूहों (डब्ल्यूएसएचजी) को ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए केन्द्रीय क्षेत्र योजना शुरू की है। इस योजना का लक्ष्य कृषि संबंधी प्रयोजनों (उर्वरकों और कीटनाशकों के अनुप्रयोग) के लिए किसानों को किराये की सेवाएं प्रदान करने हेतु 15,000 चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करना है।

1,261 करोड़ रुपये का बजट
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है। वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीन साल की अवधि में 15,000 चिह्नित किए गए महिला स्वयं सहायता समूह में से प्रत्येक समूह को एक ड्रोन वितरित करने के लक्ष्य वाली इस परियोजना के लिए 1,261 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। ग्रामीण विकास राज्यमंत्री द्वारा कुछ समय पूर्व लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी गई थी।
महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों को सशक्त बनाने पर पीएम मोदी का जोर।
महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों को सशक्त बनाने पर पीएम मोदी का जोर। - फोटो : गांव जंक्शन
इन समूहों का किया जा रहा चयन
ड्रोन उपलब्ध कराने हेतु दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई-एनआरएलएम) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘ए’ ग्रेड वाले महिला स्वयं सहायता समूहों का चयन किया जाएगा। इन ग्रेड ‘ए’ वाले समूहों का चयन राज्यों द्वारा मिर्च, कपास, धान, गेहूं, बागवानी और वृक्षारोपण आदि जैसी वाणिज्यिक फसलें उगाने वाले गांवों के समूहों में से किया जाएगा।

समूहों को सशक्त बनाने की संयुक्त पहल
स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं के नेतृत्व वाले ग्रामीण उद्यमों को सुदृढ़ करने में सहयोग हेतु केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा एक संयुक्त पहल शुरू की गई है। इसके तहत एमएसएमई मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं के जरिए महिला समूहों को औपचारिक रूप देने और उन्हें सशक्त बनाने के प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री स्वाति शर्मा और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मर्सी एपाओ ने नई दिल्ली के कृषि भवन में इस आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए।