Home Baat Pate Ki Under Pm Vishwakarma Yojana 17 342 Artisans And Craftsmen From 12 Districts Of Up Got Training

UP: पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत यूपी के 12 जिलों के 17,342 कारीगरों व शिल्पकारों को मिला प्रशिक्षण

गांव जंक्शन डेस्क, लखनऊ Published by: Umashankar Mishra Updated Thu, 04 Jul 2024 03:25 PM IST
सार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के कारीगरों एवं शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही मुहिम के तहत अब तक  21 जनपदों के 17,342 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। आइए जानें कि आपको इस योजना का लाभ कैसे मिल सकता है? 

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत हुनर सिखाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत हुनर सिखाकर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। - फोटो : गांव जंक्शन

विस्तार
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कौशल विकास के माध्यम से लोगों  को सशक्त बनाने के लिए चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं में पीएम विश्वकर्मा योजना भी शामिल है। यह योजना शिल्पकारों और कारीगरों को न केवल प्रशिक्षण प्रदान करने में सहायक है, बल्कि आवश्यक उपकरण खरीदने के लिए इसके तहत आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। 

लोहार, सोनार, कुम्हार, बढ़ई, मूर्तिकार जैसे हुनर आधारित व्यवसायों में लगे पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को 'विश्वकर्मा' कहा जा रहा है। इन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के हुनर को तराशकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने एवं उनके जीवन स्तर को उठाने के उद्देश्य से 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई थी। 

उत्तर प्रदेश के 21 जनपदों में 17,342 कारीगरों एवं शिल्पकारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। योजना के तहत यूपी के जिन जिलों में यह प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, उनमें आगरा, अम्बेडकर नगर, अयोध्या, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, फिरोजाबाद, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, जौनपुर, झांसी, कौशाम्बी, मऊ, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, प्रतापगढ़, सहारनपुर, सोनभद्र और वाराणसी शामिल हैं। इस संबंध में प्रदेश सरकार के आधिकारिक एक्स सोशल मीडिया हैंडल से जानकारी दी गई है।
योजना के तहत कई ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इनमें असिस्टेंट बारबर - सैलून सर्विसेस, आसिस्टेंट हेयर ड्रेसर, ब्लैकस्मिथ (लोहार), ब्रिक मेसन - बेसिक, कारपेंटर्स, टेलर, कंक्रीट मेसन, सुनार, हेमर एंड टूल किट मेकर, कुम्हार, प्लास्टर मेसन, शूजस्मिथ (जूते बनाने वाले), पारंपरिक माला बनाने वाले, वॉशरमैन और पारंपरिक खिलौना उत्पादक शामिल हैं। 

आईडी कार्ड से पहचान और प्रशिक्षण 
पीएम-विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से इस योजना के लाभार्थी कारीगरों और शिल्पकारों को एक नई पहचान मिलती है। इस योजना का लक्ष्य पांच से सात दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिनों या उससे अधिक उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करके कारीगरों और शिल्पकारों के हुनर को निखारना है। 500 रुपये प्रतिदिन के वजीफे के साथ-साथ कारीगरों और उनके बनाए शिल्प को पहचान दिलाना भी योजना के लक्ष्यों में शामिल है। 

मुफ्त टूलकिट और आर्थिक सहायता 
इस योजना के तहत 15,000 रुपये तक की टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में मिलती है। व्यवसाय के विस्तार के लिए विपणन सहायता भी प्रदान की जाती है। लाभार्थी तीन लाख रुपये तक लोन बिना सिक्योरिटी ले सकते हैं। लोन पहले एक लाख रुपये और फिर दो लाख रुपये की दो किस्तों में मिलता है। यह लोन क्रमशः 18 महीने और 30 महीने की अवधि के लिए, 5% निर्धारित रियायती ब्याज दर पर, भारत सरकार द्वारा 8% की सीमा तक छूट के साथ मिलता है। 

जिन लाभार्थियों ने बुनियादी प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, वे एक लाख रुपये तक की क्रेडिट सहायता की पहली किस्त का लाभ उठाने के पात्र होंगे। दूसरी ऋण किस्त उन लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगी, जिन्होंने पहली किस्त का लाभ उठाया है, एक मानक ऋण खाता बनाए रखा है और अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया है या उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

विपणन में भी मिलती है मदद 
वैल्यू-चेन से जुड़ाव बढ़ाने के लिए क्वालिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग, GeM जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स पर ऑनबोर्डिंग, विज्ञापन, प्रचार और अन्य विपणन गतिविधियों के रूप में विपणन सहायता प्रदान की जाती है।

कौन हैं इस योजना के लिए पात्र
अपने हाथों एवं औजारों के उपयोग से कारीगरी और शिल्प का काम करने वाले लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकता है। पीएम-विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। बढ़ई, नाव बनाने वाले, शस्त्र निर्माता, लोहार, हथौड़ा व औजार निर्माता, ताला बनाने वाले, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाले, मोची / फुटवियर कारीगर, राजमिस्त्री, टोकरी / चटाई / झाड़ू निर्माता / कॉयर बुनकर, पारंपरिक गुड़िया व खिलौना निर्माता, नाई, माला बनाने वाले (मालाकार), धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल बुनने वाले लोगों इस योजना का लाभ मिल सकता है। 

कैसे मिलेगा लाभ, कहां करें आवेदन  
पीएम-विश्वकर्मा योजना की पात्रता सूची के मुताबिक, अगर आप इस योजना के लिए पात्र हैं तो फिर आपको आवेदन के लिए अपने नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाना होगा। यहां जाकर संबंधित व्यक्ति से मिलें और अपने दस्तावेज दें। सब कुछ सही पाए जाने पर आपका आवेदन कर दिया जाता है। 

आधिकारिक वेबसाइट पर इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकती है। वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया चार चरणों में पूरी की जा सकती है: 
1. मोबाइल एवं आधार वेरिफिकेशन 
2. योजना के लिए पंजीकरण 
3. डिजिटल आईडी एवं सर्टिफिकेट डाउनलोड 
4. योजना के घटकों लिए आवेदन