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बाल कहानी: हरे-भरे खेतों के बीच जादुई घोड़े की सवारी

गांव जंक्शन डेस्क, नई दिल्ली Published by: Umashankar Mishra Updated Tue, 25 Jun 2024 12:45 PM IST
सार

कल्पनाशीलता और रोमांच के प्रति अपने लगाव के कारण पदमा पूरे गांव में जानी जाती थी। हर दिन स्कूल के बाद, वह प्रकृति के रहस्यों का पता लगाने के लिए खेतों में जाती थी।

पदमा का जादुई घोड़ा सुनहरी धूप में नहाए एक मैदान में जाकर अचानक रुक गया।
पदमा का जादुई घोड़ा सुनहरी धूप में नहाए एक मैदान में जाकर अचानक रुक गया। - फोटो : स्टॉक

विस्तार
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एक समय की बात है, रामपुर के सुरम्य ग्रामीण इलाके में पदमा नाम की एक साहसी और उत्साही लड़की रहती थी। तेज धूप से भरी एक दोपहर में, जब पदमा खेतों में घूम रही थी, उसकी नजर एक बड़े बबूल के पेड़ की छाया के नीचे चरते हुए एक शानदार सफेद घोड़े पर पड़ी। पदमा का दिल उत्साह से भर गया। एक उल्लासपूर्ण मुस्कान के साथ, वह घोड़े के पास पहुंची और धीरे-से उसके बाल को सहलाया। उसे आश्चर्य हुआ, जब घोड़े ने उसके हाथ को प्यार से अपनी थूथनी से छुआ। बिना किसी हिचकिचाहट पदमा घोड़े की पीठ पर चढ़ गई और एक रोमांच महसूस किया। एक हल्के झटके के साथ घोड़े ने चलना शुरू कर दिया, वह पदमा को खेतों के पार और रामपुर की सीमा से सटे शांत घने जंगल में ले गया।

जैसे ही वे जंगल के भीतर गए, पदमा अपने चारों ओर की सुंदरता को देखकर आश्चर्यचकित रह गई। ऊंचे-ऊंचे पेड़ जैसे आसमान को छू रहे थे, उनकी पत्तियां बहती हवा के साथ जैसे कुछ रहस्य भरी बातें फुसफुसा रही थीं। रंग-बिरंगे पक्षी एक शाखा से दूसरी शाखा पर उड़ रहे थे, उनके मधुर गीत हवा में संगीत घोल रहे थे। अचानक, घोड़ा सुनहरी धूप में नहाए एक मैदान में जाकर रुक गया। पदमा ने आश्चर्य से चारों ओर देखा, सामने एक शानदार महल खड़ा था, जिसकी मीनारें आकाश से बातें कर रही थीं। आंखों में जिज्ञासा भरी चमक के साथ, पदमा ने घोड़े को आगे बढ़ाया। वह इस रहस्यमयी महल के बारे में पता लगाने के लिए उत्सुक थी। जैसे-जैसे वे महल के करीब आए, भारी लकड़ी के दरवाजे चरमराते हुए खुल गए और भीतर खूबसूरत झूमरों से सजा एक भव्य हॉल दिखाई देने लगा।

अंदर, पदमा के सामने एक ऐसी दुनिया थी, जो उसने कभी नहीं देखी थी। जादुई जीव हॉल में घूम रहे थे, उनकी हँसी दीवारों से टकराकर पूरे माहौल गूंज रही थी। परियां हवा में नृत्य कर रही थीं और अपने पीछे चमचमाती धूल के निशान छोड़ रही थीं। यह आश्चर्य से भरी जगह थी।

महल की खोजबीन करते हुए, पदमा इस भावना से उबर नहीं पा रही थी कि कुछ गड़बड़ है! उसने पाया कि एक दुष्ट जादूगर ने महल पर जादू कर दिया था, जिससे वहां रहने वाले निवासियों को कभी न खत्म होने वाली नींद में फंसा दिया गया था। जादूगर के अभिशाप को तोड़ने का संकल्प करके पदमा ने अपना पूरा साहस और शक्ति लगा दी। 

घोड़े और जादुई प्राणियों की मदद से, वह सोए हुए महल को जगाने वाली औषधि बनाने के लिए आवश्यक सामग्री की खोज में निकल पड़ी। अंधेरे जंगलों और दुर्गम पहाड़ों से होकर, पदमा और उसके साथियों ने रास्ते में तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए यात्रा की। कई दिनों की खतरनाक यात्रा के बाद, पदमा एक दिन जादूगर की मांद के सामने खड़ी थी और बुराई का सामना करने के लिए तैयार थी। अपने दोस्तों की मदद से और अपनी कल्पना की शक्ति से,उसने जादूगर को हरा दिया और उस श्राप को तोड़ दिया, जिसने पूरे महल के लोगों को इतने लंबे समय तक परेशान किया था।

जब भोर की पहली किरणें क्षितिज पर फूटीं, महल के निवासी अपनी नींद से जाग उठे, उनकी आंखें कृतज्ञता और खुशी से भर गईं। पदमा को एक नायक के रूप में सम्मान दिया गया, उसका नाम पूरे इलाके में गूंज उठा। महल के निवासियों को बचाकर पदमा खुश थी, लेकिन उसे लगता था कि उसका सबसे बड़ा साहसिक कार्य अभी होना बाकी था। अपने होठों पर मुस्कान और आंखों में चमक के साथ, उसने अपने नए दोस्तों को अलविदा कहा और एक बार फिर सफेद घोड़े पर सवार होकर वह अपने अगले साहसिक कार्य के लिए निकल पड़ी।