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Farm Machinery: पैडी ट्रांसप्लांटर, एग्रीबोट ड्रोन्स और रेज्ड बेड प्लांटर कैसे बना रहे हैं खेती को आसान?

गांव जंक्शन डेस्क, नई दिल्ली Published by: Umashankar Mishra Updated Sat, 25 May 2024 01:12 PM IST
सार

पैडी ट्रांसप्लांटर से लेकर पावर टिल, एग्रीबोट ड्रोन और रेज्ड बेड प्लांटर जैसे यंत्र न केवल खेती के कामकाज को आसान बनाते हैं, बल्कि अच्छी उपज प्राप्त करने में भी उपयोगी साबित हो रहे हैं। आइए जानें कि ये आधुनिक मशीनें खेती-बाड़ी में कैसे उपयोगी हो सकती हैं। 

पैडी ट्रांसप्लांटर
पैडी ट्रांसप्लांटर - फोटो : गांव जंक्शन

विस्तार
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महिंद्रा का नया  Paddy Transplanter
महिंद्रा ने किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए धान की रोपाई का काम आसान बनाने के उद्देश्य से महिंद्रा6 आरओ पैडी वॉकर ट्रांसप्लांटर बाजार में लॉन्च किया है। इस पैडी ट्रांसप्लांटर की खास बात यह है कि यह एक साथ छह पंक्तियों में धान की रोपाई कर सकता है। इस मशीन की सहायता से निश्चित दूरी और गहराई पर धान की बुवाई की जा सकती है। इस पैडी ट्रांसप्लांटर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे सीमित स्थानों में भी आसानी से चलाया जा सकता है। इस मशीन से धान की बुवाई करने पर किसानों के श्रम और समय की बचत होगी और खेती की लागत भी कम होगी।
पावर टिलर
पावर टिलर - फोटो : गांव जंक्शन
किसानों के लिए उपयोगी Power Tiller
खेती के लिए पावर टिलर काफी उपयोगी कृषि यंत्र है। इस कृषि यंत्र की सहायता से किसान खेत की जुताई का काम आसानी से कर सकते हैं। इसके साथ ही पावर टिलर में पानी का पंप जोड़कर तालाब, नदी व पोखर से पानी भी निकाला जा सकता है। इतना ही नहीं पावर टिलर से अन्य यंत्र जोड़कर खेती के अन्य काम भी किए जा सकते हैं। जो किसान ट्रैक्टर नहीं खरीद सकते हैं, वे पावर टिलर की सहायता से खेती के काम पूरे कर सकते हैं। छोटे किसानों के लिए पावर टिलर एक बेहद उपयोगी कृषि मशीन है। बाजार में दो तरह के पावर टिलर आते हैं जिसमें कुछ डीजल से चलते हैं तो कुछ पेट्रोल से। किसान अपनी आवश्यकता और सुविधा के अनुसार पावर टिलर की खरीद कर सकते हैं। खास बात यह है कि पावर टिलर की खरीद पर सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाती है। ऐसे में, विशेषकर छोटे व सीमांत किसान इसे आसानी से खरीद सकते हैं।
एग्रीबोट ड्रोन
एग्रीबोट ड्रोन - फोटो : गांव जंक्शन
Agribot Drone से 7 मिनट में कीटनाशक का छिड़काव
कृषि यंत्रों में ड्रोन को भी शामिल कर लिया गया है। इसे एग्रीबोट ड्रोन का नाम दिया गया है। इस एग्रीबोट ड्रोन की खासियत ये है कि इसकी सहायता से किसान सात मिनट में अपने खेत में फसलों पर कीटनाशक का छिड़ाकाव कर सकते हैं। इस तरह, किसान का कई घंटों का काम मात्र सात मिनट में एग्रीबोट की सहायता से पूरा हो जाएगा। इसमें किसान को किसी भी प्रकार की हानि नहीं होगी, जबकि पारंपरिक तरीके से कीटनाशक के छिड़काव के दौरान शरीर को नुकसान पहुंचने अंदेशा बना रहता है। जबकि एग्रीबोट ड्रोन से सुरक्षित तरीके से फसल पर कीटनाशक छिड़काव किया जाना संभव है। एग्रीबोट भारत का पहला सरकारी मंजूरी पाने वाला कृषि ड्रोन है। ये फसलों में कीटनाशक के छिड़काव के अलावा भी कई कामों में उपयोगी है। इस ड्रोन की सहायता से किसान बीज, उर्वरक आदि भी खेत में डाल सकते हैं। भारतीय खेती में इसके इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने लिए एग्रीबोट ड्रोन की खरीद पर किसानों को सब्सिडी दी जाती है। इसके तहत किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। वहीं, कृषि विश्वविद्यालयों को 100 प्रतिशत तक सब्सिडी पर ड्रोन उपलब्ध कराया जाता है।
रेज्ड बेड प्लांटर
रेज्ड बेड प्लांटर - फोटो : गांव जंक्शन
मूंग की खेती में मददगार Raised Bed Planter
गेहूं की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है और इसकी एमएसपी पर खरीद की जा रही है। इस बीच किसानों के खेत खाली पड़े हुए है। ऐसे में, किसान मूंग की खेती करके अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। मूंग की खेती यदि रेज्ड बेड विधि से की जाए तो इसका काफी अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। रेज्ड बेड विधि में रेज्ड बेड प्लांटर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। खास बात यह है कि रेज्ड बेड विधि के तहत काम में आने वाली रेज्ड बेड प्लांटर मशीन की खरीद पर किसानों को 40,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में, जो किसान मूंग की खेती रेज्ड बेड प्लांटर मशीन की सहायता से करना चाहते हैं, वे इसका लाभ उठा सकते हैं। किसान रेज्ड बेड विधि के तहत मूंग की खेती में रेज्ड बेड प्लांटर मशीन से मूंग की बुवाई करते हैं तो उनको मूंग की खेती में मजदूरी के खर्च की बचत होगी। रेज्ड बेड प्लांटर मशीन खेत में क्यारियां बनाती है और बुवाई भी करती है।