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Reaper Machine: फसल कटाई में उपयोगी टॉप-5 यंत्र, जिनके उपयोग से होगी पैसे, समय और मेहनत की बचत

गांव जंक्शन डेस्क, नई दिल्ली Published by: Umashankar Mishra Updated Wed, 13 Mar 2024 08:27 PM IST
सार

हंसिये की जगह आधुनिक यंत्रों की मदद से फसल कटाई की जाए तो समय के साथ-साथ श्रम और पैसे की बचत कर सकते हैं। यहां हम आपको फसलों की कटाई में उपयोग होने वाले टॉप-5 कृषि यंत्रों के बारे में बताएंगे, जो गेहूं की कटाई के काम को आसान बना देंगे साथ ही पैसा भी बचाएंगे।

ट्रैक्टर माउंटेड रीपर बाइंडर मशीन, जो फसल की कटाई करके बंडल बनाती है।
ट्रैक्टर माउंटेड रीपर बाइंडर मशीन, जो फसल की कटाई करके बंडल बनाती है। - फोटो : गांव जंक्शन

विस्तार
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रबी फसलों की कटाई कुछ समय बाद शुरू हो जाएगी। परंपरागत तरीके से फसलों की कटाई हंसिये से की जाती है, जिसके लिए अधिक मजदूरों की आवश्यकता पड़ती है। इसमें समय भी अधिक लगता है और मजदूरी भी काफी देनी पड़ती है। हंसिये से फसल की कटाई करने से खेती की लागत बढ़ जाती है। खेती में मशीनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार इन मशीनों को खरीदने के लिए सब्सिडी भी देती हैं।

1. ट्रैक्टर चलित रीपर बाइंडर
ट्रैक्टर से चलने वाली गेहूं कटाई एवं गट्ठर बांधने वाली मशीन किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। इस मशीन से कटर बार से पौधे कटने के बाद बंडल में बंध जाते हैं तथा उन्हें एक ओर गिरा दिया जाता है। किसानों के बीच इस मशीन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। इस मशीन से लगभग 0.40 हेक्टेयर प्रति घंटा की दर से गेहूं की कटाई कर सकते हैं। इस मशीन का अनुमानित मूल्य करीब 3 लाख रुपये है।


स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर
स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर - फोटो : गांव जंक्शन
2. स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर
गेहूं की कटाई के लिए छोटे व मध्यम किसानों के लिए स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर एक उपयोगी मशीन है। इसमें आगे की ओर एक कटर बार होती है और इसके पीछे संचरण प्रणाली लगी होती है। इस रीपर मशीन में 5 हॉर्स पावर का एक डीजल इंजन होता है, जो इसके पहियों तथा कटर बार को पावर देता है। गेहूं की कटाई के लिए इस मशीन की कटर बार को आगे रखकर और इसके हैंडल से पकड़कर किसान को मशीन को पीछे से चलना होता है। कटर बार गेहूं के पौधों को काटती है और पौधों को एक लाइन में बिछा दिया जाता है। इसके बाद, मजदूरों द्वारा उनको इकट्ठा कर लिया जाता है। इस तरह के स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की कार्यक्षमता लगभग 0.21 एकड़ प्रति घंटा होती है। इसकी अनुमानित लागत एक लाख रुपये के आसपास है।
ट्रैक्टर चालित रीपर
ट्रैक्टर चालित रीपर - फोटो : गांव जंक्शन
3. ट्रैक्टर चलित रीपर
इस मशीन से वर्टिकल कन्वेयर रीपर की तुलना में कार्य करना अधिक आसान है क्योंकि यह ट्रैक्टर की मदद से चलाया जाता है। ट्रैक्टर से चलने वाली रीपर मशीन में कटर बार तथा संचरण प्रणाली स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन की तरह होती है। इसमें कटर बार को पावर ट्रैक्टर की पी.टी.ओ. से मिलती है। इसकी कटर बार स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर की कटर बार से अधिक लंबी होती है। इस मशीन से भी गेहूं के पौधों को कटर बार से काटकर संचरण प्रणाली द्वारा एक ओर कतार में बिछा दिया जाता है। इसकी क्षमता 0.40 एकड़ प्रति घंटा की होती है। इस मशीन का मूल्य लगभग 75 हजार रुपये है।
स्वचालित रीपर बाइंडर
स्वचालित रीपर बाइंडर - फोटो : गांव जंक्शन
4. स्वचालित रीपर बाइंडर
स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन में गेहूं कटाई के साथ-साथ उनके बंडल बांधने का कार्य भी होता है। स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन को स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर का अधिक विकसित रूप कह सकते हैं। इस मशीन में किसानों के बैठने हेतु व्यवस्था भी होती है, जिससे फसल कटाई स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर की तुलना में बेहतर होती है। इस मशीन की मदद से पहले पौधे कटर बार से कटकर बांधने यूनिट द्वारा बंडलों में बंध जाते हैं तथा कटर बार एवं बैठने की सीट के बीच खेत में गिरा दिए जाते हैं। इन बंडल को बाद में एकत्रित कर लिया जाता है। स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन को चलाने के लिए 10 हॉर्स पावर का डीजल इंजन का उपयोग होता है। इसकी क्षमता लगभग 0.35 एकड़ प्रति घंटा की होती है। इसका अनुमानित मूल्य लगभग 3.25 लाख रुपये है।
कंबाइन हार्वेस्टर
कंबाइन हार्वेस्टर - फोटो : गांव जंक्शन
5. कंबाइन हार्वेस्टर
बड़े किसानों के लिए कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का उपयोग अधिक उपयोगी है। इसकी मदद से गेहूं की कटाई के साथ-साथ गुहाई का काम आसानी से हो जाता है और साफ दाना मिलता है। बाजार में दो प्रकार के कंबाइन हार्वेस्टर (स्वचालित व ट्रैक्टर चालित) मिलते हैं। मशीन के अगले हिस्से में 2 से 6 मीटर लंबे कटर बार लगे होते हैं। कटर बार फसल काटता है। इसके बाद, फसल को कन्वेयर बेल्ट के जरिए रेसिंग यूनिट में पहुंचाया जाता है। यहां पर फसल के दाने ड्रेसिंग ड्रम और कंक्रीट क्लीयरेंस से रगड़ने पर अलग हो जाते हैं। इसमें लगी छलनी की मदद से अनाज साफ हो जाता है और ब्लोवर से पैरा अलग हो जाता है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन में एक स्टोन ट्रैप यूनिट होती है, जो फसल के साथ आने वाले कंकड़, मिट्टी आदि को फसल से अलग करती है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन एक घंटे में 4 से 5 एकड़ फसलों की कटाई कर सकती है। इस मशीन की कीमत इसके कटर बार पर निर्भर करती है। अपनी खासियत के अनुसार इसकी कीमत 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये के बीच होती है।

फसल कटाई यंत्रों पर सब्सिडी
कृषि यंत्र काफी महंगे होते हैं और कई बार किसानों के लिए इन्हें खरीद पाना आसान नहीं होता। केंद्र व राज्य सरकारें समय-समय पर इन यंत्रों को किसानों को उपलब्ध करवाने के लिए सब्सिडी देती हैं। अपनी विशेषताओं के अनुसार, इन मशीनों की कीमत बाजार में 50 हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक हो सकती है। फसल कटाई मशीन की खरीद पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को मशीन के डीलर से कोटेशन लेना होता है, जिसे अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जमा करके आप सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं।

सब्सिडी के लिए आवेदन करने के लिए कुछ दस्तावेज आवश्यक होते हैं। इसके लिए, आधार कार्ड, आवेदक की जमीन के दस्तावेज, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की कॉपी, डीलर का कोटेशन, और आवेदक किसान का मोबाइल नंबर की जरूरत पड़ती है। किसान अपने जिले के कृषि विभाग से भी खेती में उपयोग होने वाले यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।