यह कोल्ड स्टोरेज सोलर पावर से संचालित होता है और एक बार स्थापित कराने के बाद इसमेंं कोई खर्च नहीं होता। छोटे किसानों एवं ग्रामीण कारोबारियों के लिए यह स्टोरेज सुविधा बेहद उपयोगी बतायी जा रही है।
फसल उपज के भंडारण और सही रखरखाव की व्यवस्था नहीं होने से हर साल हजारों टन फल, सब्जियां और अनाज बर्बाद हो जाते हैं। नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) पूसा के वैज्ञानिकों ने 'पूसा फार्म सन फ्रिज' नामक कोल्ड-स्टोरेज विकसित किया है, जो इस समस्या के समाधान में सहायक हो सकता है। यह कोल्ड स्टोरेज सोलर पावर से संचालित होता है और एक बार स्थापित कराने के बाद इसमेंं कोई खर्च नहीं होता। छोटे किसानों एवं ग्रामीण कारोबारियों के लिए यह स्टोरेज सुविधा बेहद उपयोगी बतायी जा रही है।
कोल्ड स्टोरेज की खासियत
इस कोल्ड स्टोरेज के संचालन के लिए अलग से बिजली या किसी तरह की केमिकल बैट्री की जरूरत नहीं पड़ती। इसमें 415 वॉट के 12 सोलर पैनल इंस्टॉल किए गए हैं। रात में यह पानी की बैट्री से चलता है। दिन में तापमान तीन से चार डिग्री सेल्सियस रहता है। रात में 8-10 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है। इसकी भंडारण क्षमता दो से पांच टन है। इसकी क्षमता का निर्धारण अलग-अलग कृषि उत्पादों पर भी निर्भर होता है। इसका आकार 3x3x3 मीटर है। मतलब कहीं भी आसानी से इसे इंस्टॉल करा सकते हैं। इसे तैयार करने में करीब आठ लाख रुपये का खर्च आता है।
संयुक्त अध्ययन में मिली सफलता
आईएआरआई की शोधकर्ता डॉ. संगीता चोपड़ा के साथ वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिलकर यह कोल्ड स्टोरेज सिस्टम विकसित किया है। इस टीम में अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी के डॉ. रैंडोल्फ ब्यूड्री और डॉ. नॉर्बर्ट म्यूएलर भी शामिल थे। डॉ. संगीता के अनुसार, देश में खाद्यान्न व अन्य कृषि उत्पादों के भंडारण की क्षमता काफी कम है।
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