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जिंदगी में ऐसे शामिल हुए घोड़े : घुड़सवारी से लेकर युद्ध, इक्का और तांगा तक; इतिहास में सरपट चलती रही दौड़

गांव जंक्शन डेस्क, नई दिल्ली Published by: Umashankar Mishra Updated Fri, 07 Jun 2024 08:15 PM IST
सार

आज से करीब दो-तीन दशक पहले तक भारत के ग्रामीण इलाकों में घोड़े से चलने वाले इक्के और तांगे आवागमन का प्रमुख साधन होते थे। वास्तव में, घोड़े पर आधारित परिवहन की शुरुआत मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने पुराने जमाने के लोगों को लंबी दूरी तय करने और तेजी से चलने में सक्षम बनाया। घोड़े के उपयोग ने युद्धों के तौर-तरीकों को भी बदल दिया। एक नए अध्ययन में, मानव इतिहास में घोड़ों की भूमिका पर कई दिलचस्त बातों का खुलासा किया गया है। 

घोड़ों और मानव आकृतियों को दर्शाती पुरातन गुफा की चित्रकारी।
घोड़ों और मानव आकृतियों को दर्शाती पुरातन गुफा की चित्रकारी। - फोटो : स्टॉक

विस्तार
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ग्रामीण इलाकों की जीवनरेखा के रूप इक्के को खींचने, खेती से लेकर शहरी जिंदगी में तांगे को चलाने वाले घोड़े का संबंध मनुष्य से बेहद पुराना है। लेकिन, इंसान की जिंदगी में घोड़े कब दाखिल हुए, इसकी जानकारी ठीक से नहीं मिलती है। इसीलिए, घोड़ों को पालतू बनाने का समय और उसके बाद घोड़े की शक्ति का व्यापक उपयोग विवाद का विषय रहा है। 

एक नए जीनोमिक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 475 प्राचीन घोड़ों और 77 आधुनिक घोड़ों के जीनोमिक डाटा का विश्लेषण करने के बाद घोड़ों के बारे में अधिक स्पष्टता प्रदान करने का प्रयास किया है। इस अध्ययन में, खुलासा किया गया है कि घोड़े पर आधारित आवागमन का उदय यूरेशिया में लगभग 2200 ईसा पूर्व में हुआ, जो पहले से सोचे गए समय से सदियों बाद हुआ।

बार्सिलोना में इंस्टीट्यूट ऑफ इवोल्यूशनरी बायोलॉजी (IBE) के विकासवादी जीवविज्ञानी पाब्लो लिब्राडो ने कहा, "सामान्य तौर पर जानवरों को पालतू बनाने की घटना ने मानव इतिहास को बदल दिया, लेकिन कोई भी अन्य जानवर किंगमेकर जैसा नहीं था।" 

फ्रांस की CNRS शोध एजेंसी के पूर्व सदस्य और इस सप्ताह नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता पाब्लो लिब्राडो ने कहा, "चंगेज खान के बारे में सोचें, जिसका साम्राज्य जापान के सागर से लेकर यूरोप के द्वारा तक फैला हुआ था। आज हम जिस दुनिया को जानते हैं, उसे घोड़ों ने आकार दिया है। कृषि के बारे में सोचें, काम करने वाले जानवरों के रूप में घोड़े कितने महत्वपूर्ण थे। करीब 200 साल पहले न्यूयॉर्क या वाशिंगटन के बारे में सोचें, जब सड़कों पर घोड़ों द्वारा खींची जाने वाली गाड़ियां होती थीं।" 

जीनोमिक साक्ष्यों से पता चलता है कि घोड़ों को सबसे पहले मध्य एशिया में - उत्तरी कज़ाकिस्तान में - लगभग 5,500 साल पहले बोटाई संस्कृति के लोगों द्वारा पालतू बनाया गया था। लेकिन, घोड़ों को उस समय पालतू बनाना आवागमन के लिए न होकर मांस और दूध प्राप्त करने पर अधिक था। मंगोलिया के जंगली प्रेज़वाल्स्की के घोड़े उन बोटाई घोड़ों से निकले थे।

इस अध्ययन से पता चला है कि घोड़े की दूसरी नस्ल का पालन-पोषण लगभग 4,700 साल पहले पश्चिमी रूसी मैदानों में शुरू हुआ, जो सदियों तक चलता रहा, उसके बाद लगभग 4,200 साल पहले अचानक यूरेशिया में घोड़ों पर आधारित आवागमन की शुरुआत हुई। सभी आधुनिक घरेलू घोड़ों की उत्पत्ति इसी घटना से बताई जाती है। 

जीनोमिक साक्ष्यों से पता चला है कि उस समय घोड़ों की मांग को पूरा करने के लिए प्रजनन प्रथाओं में बदलाव हुआ। फ्रांस में टूलूज़ के मानवविज्ञान और जीनोमिक्स केंद्र के आणविक पुरातत्वविद और इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता लुडोविक ऑरलैंडो के अनुसार, लोगों ने पीढ़ियों के बीच के समय को आठ साल से घटाकर चार साल करके घोड़ों की उत्पादन क्षमता को दोगुना कर दिया। 

लिब्राडो ने कहा, "हमने गहरे अतीत में न जाकर, उसी समय से ही घोड़ों के करीबी संबंधियों से उनके प्रजनन का पता लगाया है।" लिब्राडो ने कहा, "जब घोड़े पूरे यूरेशिया में फैल गए और उन्हें स्थान और संख्या में और अधिक विस्तारित करने का दबाव कम हो गया, तो घोड़ों की पीढ़ी के बीच का समय अंतराल सामान्य स्तर पर लौट आया। 

औद्योगिक प्रजनन के बाद, पिछले 200 वर्षों में घोड़े की दो पीढ़ियों के बीच का अंतराल फिर से कम हो गया और विशिष्ट कार्यों के लिए अनुकूलित नए घोड़े की नस्लों का उद्भव देखने को मिला। घोड़ों पर आधारित मोबिलिटी ने लोगों को लंबी दूरियां तेजी से तय करने में सक्षम बनाया, जिससे यूरोप और एशिया में संचार और व्यापार नेटवर्क में तेजी आई और विविध संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान और संपर्क संभव हुआ। 

रथ और घुड़सवार सेना ने युद्ध को नया रूप दिया। ऑरलैंडो ने कहा, "जब दुनिया छोटी और अधिक वैश्विक होने लगी, तो इससे मानव इतिहास में एक नया युग शुरू हुआ। यह युग 19वीं शताब्दी के अंत में दहन इंजन के आविष्कार तक चला।" 

लिब्राडो कहते हैं, "शक्तिशाली घुड़सवार सेनाओं के कारण न जाने कितने साम्राज्य उभरे और पतन का शिकार होते रहे।" "हमारा मानना है कि घोड़ों के शुरुआती विस्तार में एक महत्वपूर्ण तत्व स्पोक-व्हील वाले रथों का आविष्कार था, जो घोड़ों द्वारा खींचे जा सकते थे।" लगभग 3,000 ईसा पूर्व यूरेशिया में बड़े पैमाने पर मानव प्रवास हुआ था, जिससे इंडो-यूरोपीय भाषाएं फैलीं। माना जाता है कि घोड़े पर आधारित गतिशीलता ने एक केंद्रीय भूमिका निभाई थी।