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Delhi Villages Are Becoming Ideal Models Through Solar Use Of Solar Energy From Homes To Cowsheds
सोलर के रास्ते दिल्ली के गांव बन रहे आदर्श मॉडल: घरों से लेकर गोशाला तक सौर ऊर्जा का इस्तेमाल
परीक्षित निर्भय, नई दिल्ली
Published by: Shailesh Arora
Updated Wed, 31 Jan 2024 06:41 PM IST
सार
दिल्ली के गांवों में घरों से लेकर गौशाला, जैविक खेती तक में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा रहा है। अकेले जौंती गांव सोलर पैनल से 50 मेगावाट से ज्यादा बिजली उत्पादन हो रहा है। बदरपुर के जैतपुर गांव में सौर ऊर्जा से घर 'गर्म' हो रहे हैं।
छतों पर सोलर पैनल लगने से ग्रामीणों का बिजली बिल का खर्च बच रहा है
- फोटो : गांव जंक्शन
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने नई नीति की घोषणा की है। घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए बिजली बिल में छूट भी दी है। हालांकि शहर से ज्यादा दिल्ली के गांव सौर ऊर्जा के रास्ते पर चल पड़े हैं जो पूरे राज्य के लिए आदर्श भी बन रहे हैं। यहां घरों से लेकर गौशाला और जैविक खेती तक में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जौंती गांव पैदा कर रहा 50 मेगावाट से भी ज्यादा बिजली
दिल्ली का अकेला जौंती गांव सोलर पैनल के जरिए 50 मेगावाट से भी ज्यादा बिजली पैदा कर रहा है। यह वही गांव है जहां डॉ स्वामीनाथन और उनकी टीम ने 1960 के दशक में इस गांव को प्रयोगशाला में विकसित किए गेहूं के बीज लगाने के लिए चुना था। इन गांवों में किसानों ने सरकार की नई नीति पर खुशी भी जाहिर की है।
जैतपुर गांव में घर की छत पर लगा सोलर पैनल
- फोटो : गांव जंक्शन
पूरी तरह फ्री हो गई बिजली
जौंती निवासी जैविक किसान कुलदीप आर्य का कहना है कि दिल्ली राज्य में सौर ऊर्जा को लेकर रुझान शहरी क्षेत्र की तुलना में गांवों में ज्यादा बढ़ा है। किसी घर में आठ तो किसी घर में 10 किलोवाट तक की क्षमता के सोलर पैनल लगे हैं जो बीते काफी समय से बिजली बचत कर रहे हैं। हालांकि इनके पास सरप्लस बिजली पैदा नहीं होती है क्योंकि घर और अन्य कार्यों में सभी यूनिट की खपत हो जाती है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि सोलर पैनल लगाने से पहले उनके यहां करीब 12 से 15 हजार रुपये प्रति महीने बिजली बिल आता था जो अब पूरी तरह से फ्री है। आठ किलोवाट के सोलर पैनल लगाने में उन्हें करीब 2.70 लाख रुपये का खर्च आया।
सौर ऊर्जा के रास्ते पर चल पड़े दिल्ली के गांव
- फोटो : गांव जंक्शन
15 से ज्यादा घरों की छत पर सोलर पैनल
किसान रणवीर आर्य ने बताया कि जौंती गांव में 15 से ज्यादा घरों की छत पर सोलर पैनल लगे हैं। यहां मौजूद गोशाला और वैदिक स्कूल, पूरी बिजली सोलर पैनल से ही पैदा कर रहे हैं। पूरे गांव में करीब 50 से 60 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
दिल्ली के गांवों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार और टाटा पावर डीडीएल की ओर से भी अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक 50 गांवों का एक समूह बनाया है जहां सब्सिडी और वेंडर के अलावा इसके लाभों को लेकर भी जानकारी दी जा रही है। इन सभी गांवों में अब तक 100 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए गए हैं।
दिल्ली के गांवों में सौर ऊर्जा को लेकर बढ़ रहा रुझान
- फोटो : गांव जंक्शन
1500 मेगावॉट सोलर पावर स्थापित
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सोलर नीति 2016 के तहत दिल्ली के लोगों ने अब तक अपने घरों की छत पर लगभग 250 मेगावॉट क्षमता के सोलर पैनल लगवाए हैं। इसके अलावा डिस्कॉम ने 1250 मेगावॉट सोलर पावर बाहर से खरीदी है। इस तरह दिल्ली में अब तक करीब 1500 मेगावॉट सोलर पावर स्थापित हुई है। इस क्षमता को और बढ़ाने के लिए नई नीति को लागू किया है।
ईसापुर में ऊपर बिजली, नीचे खेती एक साथ
नजफगढ़ क्षेत्र के गांव ईसापूर में बिजली और खेती का मिश्रित मॉडल भी स्थापित हुआ है। यहां दो एकड़ से ज्यादा जगह पर सोलर पैनल लगे हैं जिनके नीचे खाली जगह पर हल्दी की खेती की जा रही है। इस मॉडल से किसानों को दोहरा फायदा हो रहा है।
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