Home›Misal Bemisal›Vishesh›
On Which Issues Related To Rural India Can The New Government Take Decisions
उम्मीदों का झरोखा: ग्रामीण भारत से जुड़े प्रमुख मुद्दे, जिन पर मोदी 3.0 में हो सकते हैं अहम फैसले
डॉ. उमाशंकर मिश्र, नई दिल्ली
Published by: Umashankar Mishra
Updated Mon, 10 Jun 2024 03:27 PM IST
सार
पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल से ग्रामीण भारत की भी बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं। आइए जानें कि नई सरकार के गठन के बाद कौन-से प्रमुख फैसले लिए जा सकते हैं, जो ग्रामीण लोगों की आकांक्षाओं को प्रभावित करने में अहम साबित हो सकते हैं।
ग्रामीण भारत से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकती है सरकार।
- फोटो : गांव जंक्शन
क्या आवास योजना को मिलेगा नया रूप?
पीएम आवास योजना के तहत 15 मार्च, 2024 तक 2.58 करोड़ घर बनकर तैयार हो चुके हैं। अंतरिम बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, "परिवारों की संख्या में वृद्धि से उत्पन्न होने वाली आवश्यकता को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे।" केंद्र सरकार आम चुनाव के बाद पीएम आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) को संशोधित कर लॉन्च कर सकती है।
ग्रामीण मजदूरी बढ़ाने की मांग काफी समय से की जा रही है।
- फोटो : गांव जंक्शन
मनरेगा का खर्च बढ़ा सकती है सरकार
केंद्र वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGAS) के लिए परिव्यय को बढ़ा सकता है। वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में, MGNREGS के लिए आवंटन 86,000 करोड़ था। इस बीच, केंद्र लीकेज को रोकने के लिए विभिन्न पहल कर रहा है, जो कुछ अनुमानों के अनुसार वार्षिक खर्च का लगभग 30 फीसदी हो सकता है।
आयुष्मान भारत योजना से मिलता है 5 लाख रुपये का बीमा कवरेज।
- फोटो : गांव जंक्शन
आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना हर गरीब परिवार को हर साल 5 लाख रुपये का बीमा कवरेज प्रदान करती है। मिरे एसेट का कहना कि आगामी जुलाई के बजट में कवरेज राशि को 10 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि इसके लिए 50 अरब रुपये के अतिरिक्त परिव्यय की आवश्यकता हो सकती है। इस योजना के तहत गरीब और कमजोर लाभार्थी परिवारों को अस्पतालों में कैशलेस उपचार प्रदान किया जाता है।
सोलर पंप
- फोटो : गांव जंक्शन
स्वच्छ ऊर्जा पर जोर
तीसरे कार्यकाल में मोदी सरकार का एक और प्रमुख जोर स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र पर होगा। पीएम-सूर्यघर-मुफ्त बिजली योजना के लिए एक करोड़ से अधिक परिवार पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं। इसके साथ ही, देश के गन्ना उत्पादक क्षेत्रों को अब एनर्जी हब के रूप में विकसित करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है, जो 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य के अनुरूप है। इससे ग्रामीण भारत की ग्रिड पर निर्भरता कम होगी और बिजली पर होने वाला उनका खर्च बचेगा, बल्कि अपनी बिजली ग्रिड को बेचकर वो कमाई भी कर सकेंगे।
पीएम किसान योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपये आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- फोटो : गांव जंक्शन
क्या बढ़ जाएगी किसान सम्मान निधि?
पीएम-किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत योग्य किसानों को हर चार महीने के अंतराल पर 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रतिवर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना के मूल्यांकन की खबरों के बीच ये कयास लगाए जा रहे हैं कि इसके तहत दी जाने वाली रकम को बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है। हालांकि, कुछ समय पूर्व संसद में यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस राशि को बढ़ाकर 8,000-12,000 रुपये प्रतिवर्ष करने की योजना बना रही है, केंद्रीय कृषि मंत्री ने इसके जवाब में कहा, ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
- फोटो : गांव जंक्शन
वरिष्ठ नागरिकों की पेंशन का दायरा
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि वर्ष 2030 तक पेंशन लाभ प्राप्त करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी को 22 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी करने का लक्ष्य है। छोटे और सीमांत किसानों के लिए चलाई जा रही केंद्र सरकारी की पीएम-किसान मानधन योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद छोटे और सीमांत किसानों को 3000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान की जाती है।
तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य।
- फोटो : गांव जंक्शन
तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य
कार्यबल में महिलाओं की संख्या 37 फीसदी से बढ़ाकर 50 तक करने पर सरकार जोर दे सकती है। पिछली सरकार के कार्यकाल में महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण परिवर्तन परिषद को अमली जामा पहनाया जा सकता है।
- फोटो : गांव जंक्शन
कृषि पर नए संघीय निकाय का गठन
नई सरकार की 100-दिवसीय कार्ययोजना में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण परिवर्तन परिषद (एनसीएआरटी) स्थापित करने की योजना को अमली जामा पहनाया जा सकता है। कृषि क्षेत्र में "समन्वित" रूप से कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए, केंद्र द्वारा प्रस्तावित एनसीएआरटी संघीय निकाय के रूप में कार्य करेगी और कृषि क्षेत्र के लिए नीति और कार्यक्रम तैयार करेगी।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।